डॉ. भीमराव अंबेडकर, भारतीय संविधान के मुख्य आर्किटेक्ट और सामाजिक न्याय के प्रमुख अधिवक्ता, की 125वीं जयंती के अवसर पर राजस्थान सरकार ने "अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना" की घोषणा की है। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन के अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, विद्यार्थियों को विदेशी विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. स्तर पर अध्ययन हेतु आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि वे उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें उन चुनौतियों का सामना करने में मदद करना है, जिनका वे सामना करते हैं। शिक्षा केवल ज्ञान अर्जित करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस योजना के माध्यम से, सरकार न केवल इन विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर बढ़ाना चाहती है, बल्कि उन्हें ऐसे क्षेत्रों में भी तैयार करना चाहती है, जहां से वे समाज के लिए योगदान दे सकें।
वित्तीय सहायता
इस योजना के अंतर्गत, चयनित छात्रों को अधिकतम 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जो तीन वर्षों में वितरित की जाएगी:
- प्रथम वर्ष: 10 लाख रुपये
- द्वितीय वर्ष: 10 लाख रुपये
- तृतीय वर्ष: 5 लाख रुपये
यह वित्तीय सहायता विद्यार्थियों को अपने शोध कार्य, अध्ययन सामग्री, यात्रा व्यय और अन्य आवश्यकताओं के लिए उपयोग करने में मदद करेगी।
पात्रता मानदंड
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए विद्यार्थियों को कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
- निवास: आवेदक का राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है।
- आयु: आवेदक की आयु विज्ञापन की तिथि के अनुसार 35 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- शैक्षणिक योग्यता: आवेदक को किसी विधि द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे।
- पाठ्यक्रम: आवेदक को मानविकी और समाज विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित विषयों में किसी विदेशी विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. के लिए प्रवेश लेना होगा:
- समाजशास्त्र
- लोक प्रशासन
- विधि
- अर्थशास्त्र
- राजनीति शास्त्र
- मानव शास्त्र
- आर्थिक स्थिति: आवेदक के परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- अन्य छात्रवृत्तियों का लाभ: आवेदक को अन्य किसी विभाग या संस्थान से छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं करनी चाहिए और इस आशय की वचनबद्धता एक गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर प्रस्तुत करनी होगी।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन प्रक्रिया के दौरान आवेदकों को निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करने होंगे:
- निवास प्रमाणपत्र: यह प्रमाणित करता है कि आवेदक राजस्थान का निवासी है।
- जाति प्रमाणपत्र: अनुसूचित जाति वर्ग में आने की पुष्टि करने के लिए आवश्यक है।
- आय प्रमाणपत्र: परिवार की वार्षिक आय का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
- आयु प्रमाणपत्र: आवेदक की आयु को प्रमाणित करने के लिए।
- अन्य छात्रवृत्तियों से अयोग्यता: एक गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर वचनबद्धता कि आवेदक अन्य छात्रवृत्ति नहीं ले रहा है।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदकों को योजना के विज्ञापन की तिथि से एक महीने के भीतर आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करके सचिव, अंबेडकर पीठ, मूंडला, जयपुर को भेजना होगा। आवेदन पत्र को ई-मेल के माध्यम से भी भेजा जा सकता है। आवेदन पत्र की छानबीन (scrutiny) के बाद, राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति द्वारा अधिकतम 5 छात्रों का चयन किया जाएगा।
आवेदन पत्र की छानबीन और अनुमोदन प्रक्रिया
छात्रवृत्ति के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों की छानबीन हेतु एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह समिति सभी आवेदन पत्रों की जांच करेगी और उन छात्रों के चयन के लिए सिफारिश करेगी, जो सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।
राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति
छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत अधिकतम 5 आवेदकों का चयन करने के लिए राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति का गठन किया गया है। इस समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:
- अधिकारी: अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
- सदस्य: अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग
- सदस्य: महानिदेशक, डॉ. बी. आर. अंबेडकर फाउंडेशन
- सदस्य: विशिष्ट शासन सचिव, वित्त विभाग
- सदस्य सचिव: निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
- सदस्य: राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा मनोनीत प्रोफेसर
यह समिति चयनित विद्यार्थियों की शैक्षणिक स्थिति की जानकारी संबंधित विश्वविद्यालयों या संस्थानों से प्राप्त करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि चयनित छात्र सही दिशा में अध्ययन कर रहे हैं।
वित्तीय सहायता के वितरण की प्रक्रिया
चयनित छात्रों को अधिकतम तीन वर्षों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों को संबंधित विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान से प्रवेश संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। छात्रवृत्ति राशि का भुगतान निदेशक एवं विशेष शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी की जाएगी। यह राशि चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से संबंधित विद्यार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
योजनान्तर्गत छात्रवृत्ति के दुरुपयोग की स्थिति
यदि किसी विद्यार्थी द्वारा छात्रवृत्ति के रूप में प्राप्त राशि का दुरुपयोग किया जाता है, तो संबंधित विद्यार्थी से भुगतान की गई राशि, जिसमें 10% ब्याज भी शामिल होगा, वसूल की जाएगी। इसके लिए विद्यार्थी को एक गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर पर वचनबद्धता प्रस्तुत करनी होगी।
योजना की समीक्षा
योजना की प्रभावशीलता और छात्रों के अनुभव की जानकारी के लिए, एक वर्ष बाद राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति द्वारा योजना की समीक्षा की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का लाभ सही तरीके से विद्यार्थियों तक पहुँच रहा है और आवश्यक सुधार किए जा सकें।
डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में अवसर प्रदान करती है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। उच्च शिक्षा के माध्यम से, ये विद्यार्थी समाज में बदलाव लाने में सक्षम होंगे और अपने समुदाय की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।
राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना न केवल छात्रों के लिए अवसर पैदा करती है, बल्कि समाज में समरसता और समानता की दिशा में भी एक मजबूत आधार तैयार करती है। इस योजना का लाभ उठाकर, अनुसूचित जाति के विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए, इच्छुक विद्यार्थी विभाग की वेबसाइट यहाँ पर जा सकते हैं।
इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य शिक्षा को एक समानता का साधन बनाना है, जिससे सभी वर्गों के छात्रों को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिल सके। इससे वे न केवल अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे, बल्कि समाज में भी सकारात्मक योगदान कर सकेंगे।
डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना - FAQ
प्रश्न: डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना क्या है?
यह योजना अनुसूचित जाति के छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. स्तर पर अध्ययन हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
प्रश्न: इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण में मदद करना है।
प्रश्न: क्या इस योजना के लिए पात्रता मानदंड हैं?
हां, आवेदक को राजस्थान का निवासी होना चाहिए, 35 वर्ष से कम आयु का होना चाहिए, और स्नातकोत्तर में 55% अंक प्राप्त करने चाहिए।
प्रश्न: इस योजना के तहत कितनी वित्तीय सहायता मिलेगी?
चयनित छात्रों को अधिकतम 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी, जो तीन वर्षों में वितरित की जाएगी।
प्रश्न: आवेदन प्रक्रिया क्या है?
आवेदक को योजना के विज्ञापन की तिथि से एक महीने के भीतर आवेदन करना होगा और सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करके सचिव, अंबेडकर पीठ, मूंडला, जयपुर को भेजना होगा।
प्रश्न: क्या आवेदक को अन्य छात्रवृत्तियों का लाभ नहीं लेना होगा?
हाँ, आवेदक को अन्य किसी विभाग या संस्थान से छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं करनी चाहिए और इस आशय की वचनबद्धता प्रस्तुत करनी होगी।
प्रश्न: क्या आय प्रमाणपत्र आवश्यक है?
हाँ, आवेदक को अपने परिवार की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो 6 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
प्रश्न: छात्रवृत्ति की राशि कैसे प्राप्त की जाएगी?
छात्रवृत्ति राशि का भुगतान चयनित विद्यार्थियों के बैंक खाते में चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से किया जाएगा।
प्रश्न: यदि छात्रवृत्ति का दुरुपयोग किया गया, तो क्या होगा?
यदि किसी विद्यार्थी द्वारा छात्रवृत्ति का दुरुपयोग किया जाता है, तो राशि वसूल की जाएगी, जिसमें 10% ब्याज शामिल होगा।
प्रश्न: योजना की समीक्षा कब की जाएगी?
एक वर्ष बाद राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति द्वारा योजना की समीक्षा की जाएगी।
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