चित्तौड़गढ़ जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक और शिक्षिका का अनुचित व्यवहार स्कूल के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गया। यह वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया है। ग्रामीणों में भारी रोष है, और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
प्रमुख सबूत और तथ्य
कानूनी कार्रवाई को मजबूत बनाने के लिए निम्नलिखित सबूत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं:
- सीसीटीवी फुटेज: स्कूल परिसर में लगे कैमरों ने इस आपत्तिजनक घटना को कैद किया है, जो इस मामले का सबसे बड़ा सबूत है।
- स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के बयान: स्कूल प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने इस घटना को लेकर अपने बयान दर्ज कराए हैं।
- ग्रामीणों की शिकायत: ग्रामीणों ने पहले से ही इन शिक्षकों के संबंधों को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।
- पिछले व्यवहार के संकेत: बताया जा रहा है कि शिक्षक 14 वर्षों से स्कूल में कार्यरत है और गांव में पहले से उनके और शिक्षिका के संबंधों की चर्चा थी।
- बालिकाओं का स्कूल छोड़ना: कई छात्राओं ने इस घटना के बाद स्कूल छोड़ दिया है, जिससे इस मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी का बयान
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने कहा, "दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम कानूनी कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।"
कार्यवाही की प्रक्रिया
- जांच समिति का गठन: तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो घटना की गहराई से जांच करेगी।
- रिपोर्ट प्रस्तुत करना: समिति द्वारा सबूतों और बयानों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
- अंतिम निर्णय: रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग और प्रशासन कानूनी कार्रवाई का निर्णय लेंगे।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों और अभिभावकों ने घटना को लेकर आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। कई ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि शिक्षक का व्यवहार पहले भी संदिग्ध रहा है।
शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव
इस घटना से शिक्षा व्यवस्था की गरिमा पर गहरा आघात लगा है। स्कूल, जहां बच्चों को नैतिकता और अनुशासन सिखाया जाता है, वहां ऐसी घटनाएं पूरे समाज को प्रभावित करती हैं।
शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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