जयपुर: राजस्थान सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा योजना में सुधार के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है। यह आदेश 2 अक्टूबर, 2013 को लागू किए गए खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य में प्राथमिकता परिवारों (P.H.) के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
इस नए निर्देश के अनुसार, खाद्य सुरक्षा के तहत प्राथमिकता सूची में शामिल होने के लिए आवेदक को कई महत्वपूर्ण मानदंडों का पालन करना होगा। आवेदक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे परिवारिक खाद्य विभाग से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
आदेश में उल्लेख किया गया है कि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों को अपात्र बनाने के लिए सटीक जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। इसके अतिरिक्त, आवेदकों को विभिन्न दस्तावेज़ों जैसे पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, और स्थायी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे।
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर माने जाते हैं। इसके तहत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदनों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि अपात्र आवेदकों को योजना से बाहर रखा जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से खाद्य सुरक्षा की नीति में पारदर्शिता बढ़ेगी और योग्य हितग्राहियों को समय पर सहायता मिल सकेगी। राजस्थान सरकार की यह पहल राज्य में खाद्य सुरक्षा योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इस दिशा-निर्देश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आवेदनों की सावधानीपूर्वक जांच करें और सभी कदमों का सही अनुसरण करें।
सरकार का मानना है कि इससे राज्य में खाद्य उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा का लाभ प्राप्त होगा।
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